इंडोनेशिया में ज्वालामुखी विस्फोट से 10 लोगों की मौत:दस से ज्यादा भूकंप आए; कई घरों पर गिरे आग के गोले, 10 हजार लोगों पर असर

इंडोनेशिया के पूर्वी द्वीप फ्लोर्स में सोमवार को माउंट लियोटोबी लाकी-लाकी ज्वालामुखी में विस्फोट में 10 लोगों की मौत हो गई। न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक, वोल्कैनो में रविवार (3 नवंबर) को करीब 24 मिनट तक विस्फोट हुआ। इसके बाद यह रातभर कई बार फटा और सुबह करीब 6 बजे 300 मीटर की ऊंचाई तक राख का गुबार उठता नजर आया।

ज्वालामुखी विस्फोट की वजह से दर्जनों भूकंप भी आए। फिलहाल इंडोनेशिया की सरकार ने और झटकों की आशंका जताई है। ज्वालामुखी फटने से 7 गांवों में रह रहे 10 हजार लोगों को नुकसान हुआ है। इस दौरान कई घर भी जलकर राख हो गए।

लोगों ने बताया कि विस्फोट के बाद ऐसा लग रहा था जैसे आग के गोले घरों पर गिर रहे हैं। वे अपना घर छोड़कर इधर-उधर भागने लगे। प्रशासन ने लोगों को वोल्कैनो के 7 किलोमीटर के दायरे से दूर रहने की सलाह दी है।

5 गांवों को खाली कराया गया AFP के एक पत्रकार ने बताया कि माउंट लाकी-लाकी के पास 5 गांवों को खाली करा लिया गया है। इसके अलावा लोगों को धुएं के असर से बचने के लिए मास्क लगाने की सलाह दी है। अक्टूबर से लेकर अब तक माउंट लाकी-लाकी में 43 बार विस्फोट हो चुका है। पिछले हफ्ते ज्वालामुखी फटने के बाद 800 मीटर की ऊंचाई तक राख का गुबार उठता नजर आया था।

जनवरी से लेकर अब तक इस वोल्कैनो में कई बार विस्फोट हो चुका है, जिसकी वजह से करीब 2 हजार लोगों को घर छोड़कर जाना पड़ा है। इससे पहले पिछले साल दिसंबर में इंडोनेशिया के सबसे एक्टिव ज्वालामुखी में से एक माउंट मारापी के फटने से करीब 24 लोगों की मौत हो गई थी। इनमें ज्यादातर यूनिवर्सिटी के छात्र मौजूद थे।

2,891 किलोमीटर ऊंचाई पर स्थित इस ज्वालामुखी ने लगभग 3 किलोमीटर की ऊंचाई तक राख फेंकी थी। अलजजीरा के मुताबिक, इंडोनेशिया ‘रिंग ऑफ फायर’ के क्षेत्र में आता है। यहां पैसेफिक महासागर के करीब हॉर्स-शू के शेप की टेक्टॉनिक फॉल्ट लाइन्स हैं। देश में 120 एक्टिव वोल्केनो मौजूद हैं।

2018 में ज्वालामुखी से आई थी सुनामी साल 2018 में, इंडोनेशिया के क्राकाटाऊ ज्वालामुखी के विस्फोट के कारण पहाड़ के कुछ हिस्से समुद्र में गिर गए थे। इसके बाद सुमात्रा और जावा के तटों पर सुनामी आई थी, जिसमें 430 लोग मारे गए थे। इससे पहले 1871 में इंडोनेशिया में अब तक का सबसे बड़ा ज्वालामुखी विस्फोट हुआ था।

ज्वालामुखी क्या होता है? ज्वालामुखी धरती की सतह पर मौजूद प्राकृतिक दरारें होती हैं। इनसे होकर धरती के आंतरिक भाग से पिघला हुआ पदार्थ जैसे मैग्मा, लावा, राख आदि विस्फोट के साथ बाहर निकलते हैं। ज्वालामुखी पृथ्वी पर मौजूद 7 टेक्टोनिक प्लेट्स और 28 सब टेक्टोनिक प्लेट्स के आपस में टकराने के कारण बनते हैं। दुनिया का सबसे एक्टिव ज्वालामुखी माउंट एटना इटली में है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *