SC: वायु प्रदूषण पर सुप्रीम कोर्ट सख्त, दिल्ली सरकार से पूछा- पटाखों पर प्रतिबंध क्यों लागू नहीं किया

दिवाली के बाद से दिल्ली और एनसीआर की हवा लगातार जहरीली होती जा रही है। प्रदूषण का स्तर बढ़ने से लोगों को आंखों में जलन व सांस लेने परेशानी शुरू हो गई है। 


दिल्ली में बढ़ रहे वायु प्रदूषण को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार को फटकार लगाई है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अखबारों की खबरों को देखकर लगता है कि दिल्ली में पटाखों पर प्रतिबंध लागू नहीं किया गया। सुप्रीम कोर्ट ने इसे लेकर दिल्ली सरकार से जवाब मांगा है कि पटाखों को प्रतिबंधित क्यों नहीं किया गया? सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार और दिल्ली पुलिस आयुक्त को नोटिस जारी किया है। इसके अलावा पंजाब, हरियाणा में पराली जलने पर भी नाराजगी जाहिर की है। कोर्ट ने दोनों राज्य सरकारों से जवाब मांगा है। 

सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को दिल्ली एनसीआर में वायु प्रदूषण को लेकर जस्टिस अभय एस ओका और जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ ने अखबार में प्रकाशित सुप्रीम कोर्ट के पटाखे पर प्रतिबंध लगाने के आदेश लागू न करने पर सख्त टिप्पणी की। सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से पूछा कि पटाखों पर प्रतिबंध क्यों लागू नहीं किया गया? प्रतिबंध था तो पटाखे कैसे चलाए गए? पीठ ने कहा कि पटाखों पर प्रतिबंध लगाने के आदेश रिकॉर्ड पर रखे जाएं और पटाखे फोड़ने वालों पर क्या कार्रवाई की गई, इसकी जानकारी भी दी जाए।

पीठ ने कहा कि दिल्ली सरकार और पुलिस कमिश्नर यह भी बताएंगे कि वे ऐसे क्या कदम उठाएंगे, ताकि अगले साल ऐसा न हो। वहीं कोर्ट ने हरियाणा और पंजाब की सरकारों से अक्तूबर के आखिरी दस दिनों के दौरान पराली जलाने की घटनाओं की संख्या बताते हुए 14 नवंबर तक हलफनामा दाखिल करने को कहा है।

वरिष्ठ अधिवक्ता एचएस फूलका ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने दिवाली पर पटाखों पर प्रतिबंध लागू न होने पर कड़ी नाराजगी जाहिर की है। कोर्ट ने दिल्ली पुलिस आयुक्त को कारण बताओ नोटिस जारी करके पूछा है कि पटाखों पर प्रतिबंध क्यों लागू नहीं किया गया? कोर्ट अब मामले मे 11 नवंबर को अगली सुनवाई करेगा। 

प्रदूषण पर सीजेआई ने भी जताई थी चिंता
सीजेआई चंद्रचूड़ ने गुरुवार को कहा था कि राष्ट्रीय राजधानी में वायु प्रदूषण के बढ़ते स्तर के कारण उन्होंने सुबह की सैर करना बंद कर दिया है। उनके डॉक्टर ने उन्हें सुबह बाहर निकलने से बचने की सलाह दी है, क्योंकि सांस संबंधी बीमारियों से बचने के लिए घर के अंदर रहना ही बेहतर है। वायु प्रदूषण के स्तर में वृद्धि का जिक्र करते चिंता जाहिर की थी। 

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